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Tuesday, 13 April 2021
Monday, 21 December 2020
अंडकोष एक तरफ बढ़ना, भारीपन और दर्द हैं टेस्टिस कैंसर का पहला संकेत, 20 से 40 साल के पुरुषों को होता है खतरा
टेस्टिकुलर कैंसर पुरुषों के अंडकोष में होने वाले कैंसर को कहते हैं। एक पुरुष के लिए टेस्टिस (अंडकोष) का क्या महत्व है, इसे आप इसी बात से समझ सकते हैं कि यही अंडकोष पुरुषों में सेक्स हार्मोन बनाना है और स्पर्म का प्रोडक्शन भी करता है। इसका अर्थ है कि अगर टेस्टिस में कोई परेशानी आती है, तो व्यक्ति की सेक्शुअल लाइफ पर इसका असर पड़ता है। वैज्ञानिक अभी इस बात के पुख्ता कारणों का पता नहीं लगा पाए हैं कि पुरुषों में टेस्टिकुलर कैंसर आखिर क्यों होता है। लेकिन देखा गया है कि जिन लोगों के अंडकोष का आकार असामान्य होता है, उन पुरुषों को अंडकोष के कैंसर का खतरा ज्यादा होता है।
20 से 40 साल के लोगों को ज्यादा है खतरा
Johns Hopkins Medicine द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार टेस्टिकुलर कैंसर का खतरा सबसे ज्यादा युवाओं को होता है। आमतौर पर टेस्टिकुलर कैंसर 20 साल से 40 साल की उम्र के लोगों में ज्यादा देखने को मिलता है। औसतन 33 साल की उम्र तक किसी व्यक्ति में इस कैंसर का पता चल जाता है। पिछले कुछ दशकों के आंकड़ों को देखें तो ये पता चलता है कि टेस्टिकुलर के मामले पुरुषों में लगातार बढ़ते जा रहे हैं। जॉन हॉप्किन्स की इसी रिपोर्ट के अनुसार टेस्टिस कैंसर का खतरा हर 270 में से 1 पुरुष को होगा।